Friday, February 22, 2013

आज देखा है तुझको देर के बाद


आज देखा है तुझको देर के बाद
आज का दिन गुज़र न जाए कहीं

न मिला कर उदास लोगों से
हुस्न तेरा बिखर न जाए कहीं

आरज़ू है कि तू यहाँ आये
और फिर उम्र भर न जाए कहीं
...............Nasir Sahab
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कड़वे ख़्वाब ग़रीबों के
मीठी नींद अमीरों की

रात गये तेरी यादें
जैसे बारिश तीरों की

मुझसे बातें करती है
ख़ामोशी तस्वीरों की
...............Neeraj
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तेरे क़रीब रह के भी दिल मुतमइन न था
गुजरी है मुझ पे ये भी क़यामत कभी-कभी
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जब तक हम मसरूफ़ रहे, ये दुनिया थी सुनसान
दिन ढलते ही ध्यान में आये कैसे कैसे लोग
.................Nasir Sahab

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