आज देखा है तुझको देर के बाद
आज का दिन गुज़र न जाए कहीं
न मिला कर उदास लोगों से
हुस्न तेरा बिखर न जाए कहीं
आरज़ू है कि तू यहाँ आये
और फिर उम्र भर न जाए कहीं
...............Nasir Sahab
------------------------------
कड़वे ख़्वाब ग़रीबों के
मीठी नींद अमीरों की
रात गये तेरी यादें
जैसे बारिश तीरों की
मुझसे बातें करती है
ख़ामोशी तस्वीरों की
...............Neeraj
----------------
तेरे क़रीब रह के भी दिल मुतमइन न था
गुजरी है मुझ पे ये भी क़यामत कभी-कभी
***
जब तक हम मसरूफ़ रहे, ये दुनिया थी सुनसान
दिन ढलते ही ध्यान में आये कैसे कैसे लोग
.................Nasir Sahab
No comments:
Post a Comment