Friday, September 12, 2014

सीधा साधा डाकिया जादू करे महान


सीधा साधा डाकिया जादू करे महान
एक ही थैली में भरे आंसू और मुस्कान ॥

घर को खोजे रात दिन घर से निकले पाँव
वो रास्ता ही खो गया जिस रास्ते था गाँव॥

मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार
दिल ने दिल से बात की बिन चिठ्ठी बिन तार॥

बच्चा बोला देखके मस्जिद आलिशान
अल्लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान॥

निदा फाजली

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