Friday, June 27, 2014

नफ़रत में आज आग लगाने का मन भी है

नफ़रत में आज आग लगाने का मन भी है 
होली में मन का मैल जलाने का मन भी है 

मौसम के साथ झूम के गाने का मन भी है 
मौसम को अपने साथ नचाने का मन भी है 

थोड़ी सी भंग डाल दो होली के रंग में 
हँसने के साथ साथ हँसाने का मन भी है 

कैसा अजीब हाल है होली के दिन मेरा 
उनसे ख़फ़ा हूँ उनको मनाने का मन भी है

ये चटपटी सी चाट और ये पकौड़ियाँ
लगता है मेजबाँ का पिलाने का मन भी है

होली तो हमने खेल ली अब क्या करें"नदीम"
सर्दी भी लग रही है , नहाने का मन भी है

-----------ओम प्रकाश नदीम

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