कुछ समझ में नहीं आता कि मैं क्या क्या हो जाऊँ
सब की ख्वाहिश है यही , उनके ही जैसा हो जाऊँ
अब दिखावा ही मेरे जिस्म का पैराहन है
अब अगर इसको उतारूँ तो तमाशा हो जाऊँ
आप ने अपना बनाया तो बनाया ऐसा
अब ये मुम्किन ही नहीं और किसी का हो जाऊँ
तुमने पहले भी सज़ा दे के मज़ा पाया है
तुम जो चाहो तो गुनहगार दुबारा हो जाऊँ
कुछ बड़ा और बनूँ , ऐसी तमन्ना है , मगर
और कुछ बन के बड़ा और न छोटा हो जाऊँ
फिर मेरा कोई भी सपना , न रहेगा सपना
मैं अगर काश तेरी आँख का सपना हो जाऊँ
--------ओम प्रकाश नदीम
सब की ख्वाहिश है यही , उनके ही जैसा हो जाऊँ
अब दिखावा ही मेरे जिस्म का पैराहन है
अब अगर इसको उतारूँ तो तमाशा हो जाऊँ
आप ने अपना बनाया तो बनाया ऐसा
अब ये मुम्किन ही नहीं और किसी का हो जाऊँ
तुमने पहले भी सज़ा दे के मज़ा पाया है
तुम जो चाहो तो गुनहगार दुबारा हो जाऊँ
कुछ बड़ा और बनूँ , ऐसी तमन्ना है , मगर
और कुछ बन के बड़ा और न छोटा हो जाऊँ
फिर मेरा कोई भी सपना , न रहेगा सपना
मैं अगर काश तेरी आँख का सपना हो जाऊँ
--------ओम प्रकाश नदीम
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